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Bikaner में रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़, नट-बोल्ट खोल रहे थे बदमाश

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बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर से लालगढ़ रेलवे स्टेशन के बीच रेल पटरियों के बीच के नट-बोल्ट खोलने का प्रयास किया गया है। कुछ बदमाशों ने पटरियों को आपस में जोड़ने वाली फिश प्लेट के स्क्रू निकाल लिए। बदमाशों की हरकत के बारे में आसपास के युवकों को पता चला तो वो दौड़कर मौके पर पहुंचे। तब तक बदमाश भाग गए लेकिन युवकों ने फिर से इन स्क्रू को जोड़ने का काम किया। घटना के बारे में बाद में रेलवे पुलिस को सूचना दी गई। अब पता लगाया जा रहा है कि फिश प्लेट से छेड़छाड़ किसी साजिश के तहत हो रही थी या फिर सिर्फ लोहे की चोरी की नीयत से ऐसा किया गया। घटना रविवार शाम करीब छह बजे की है। मौके पर पहुंचे रोहिताश्व बिस्सा ने बताया- चौखूंटी क्षेत्र में रविवार शाम -तीन सिरफिरे युवकों ने रेल पटरियों को आपस में जोड़ने वाली फिश प्लेट के स्क्रू खोल दिए। आसपास के सजग युवकों ने जब स्क्रू खोलते हुए युवकों को ललकारा तो मौके से भाग निकले। इन युवकों ने रेल गुजरने से पहले वापस स्क्रू लगा दिए। घटना की सूचना के बाद लालगढ़ रेलवे स्टेशन के रेलवे सुरक्षा बल (आपीएफ) थाना प्रभारी उषा निरंकारी भी मौके पर पहुंची। उन्होंने आसपास के लोगों से सिरफिरे युवकों के बारे में पूछताछ की, लेकिन देर रात तक अज्ञात युवकों की पहचान नहीं हो पाई। स्थानीय लोग इसे रेल हादसे की साजिश बता रहे थे, जबकि आरपीएफ पुलिस अभी जांच की बात कह रही है।देश के विख्यात पर्वतारोही दिवंगत मगन बिस्सा के बेटे रोहिताश बिस्सा और उसकी पूरी टीम ने बड़े हादसे की आशंका को टाल दिया। उनके साथ मिलकर ओजस्वी, रवि, अनीस और नवाब ने पटरियों के स्क्रू को तुरंत कस दिया। दरअसल, चौखूंटी क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोहे की दुकानें है, ऐसे में स्क्रू कसने और उसके उपकरण भी तुरंत मिल गए।

क्या होती है फिश प्लेट

रेलवे ट्रैक पर लगी फिश प्लेट, दो रेलों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली धातु की प्लेट होती है। इसे स्प्लिस बार या जॉइंट बार भी कहा जाता है। रेलवे ट्रैक पर फिश प्लेट लगाने के कई फायदे हैं। यह रेल गाड़ियों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करती है। रेल को उसकी उचित स्थिति में रखती है। रेल के एक छोर से दूसरे छोर तक लगने वाले बलों को ले जाती है। साथ ही यह ट्रेन के पहियों के भार को एक रेल से दूसरी रेल पर ट्रांसफर करती है। यह रेल जोड़ को दोनों दिशाओं में मजबूती देती है। फिश प्लेट को रेल के सिरों पर बोल्ट करके जोड़ा जाता है। आम तौर पर, सभी फिश प्लेट में बोल्ट को सुरक्षित करने के लिए चार छेद होते हैं। इसके नहीं होने से रेल हादसा होने का खतरा हो सकता है।

पहले हो चुकी ये घटनाएं

दो सप्ताह पहले गुजरात के वड़ोदरा में भी रेल को पटरी से नीचे उतारने की साजिश रची गई। उस घटना में भी आरोपियों ने रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट के स्क्रू खोल दिए थे। गनीमत रही कि हादसा होने से पहले ही रेल कर्मचारियों ने इसे सही कर दिया।महीने झांसी से सूरतगढ़ पावर प्लांट कोयला ले जा रही मालगाड़ी के 59 वैगन वृंदावन रोड रेलवे स्टेशन के पास पटरी से नीचे उतर गए थे। हादसे में वैगन एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए। उस हादसे को भी रेल कार्मिकों ने रेल गाड़ी को पटरी से नीचे उतारने की साजिश के तौर पर लेते हुए जांच शुरू की थी।बीकानेर में रविवार को फिश प्लेट को खोलने से बड़ा हादसा हो सकता था।रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट के बोल्ट खुले मिलने की घटना को गंभीरता से लिया गया है। आसपास के लोगों से पूछताछ की गई, आगे भी की जाएगी। संदिग्ध लोगों की धरपकड़ के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। फिलहाल रेल यातायात सुरक्षित है।"

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