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Ajmer एकेडेमिक कलैंडर के 3 महीने बीते, प्रवेश पर अब तक असमंजस

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अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर प्रथम वर्ष के दाखिलों को लेकर लगातार 19 वें साल राज्य के लॉ कॉलेज के हालात नहीं बदले हैं। सत्र 2024-25 को शुरू हुए तीन महीने बीत चुके हैं। बार कौंसिल ऑफ इंडिया की मंजूरी के बिना कॉलेजों में दाखिले मुश्किल हैं। राज्य के अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर, पाली, बूंदी सहित अन्य लॉ कॉलेज को कई साल से बार कौंसिल ऑफ इंडिया से स्थाई मान्यता नहीं मिली है। कॉलेज डॉ. भीमराव अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध हैं। बार कौंसिल की मंजूरी के बाद प्रथम वर्ष में प्रवेश होते हैं। इस बार भी कमोबेश हालात वैसे ही हैं।

स्थाई प्राचार्यों की नियुक्ति भी नहीं

सरकार को प्रतिवर्ष बीसीआई को अंडर टेकिंग देनी पड़ती है। इसमें लॉ कॉलेज में स्थाई प्राचार्य, पर्याप्त व्याख्याता और स्टाफ और संसाधनों का जिक्र होता है। हालांकि ज्यादातर कॉलेज में शिक्षक और संसाधन पर्याप्त नहीं हैं। विधि शिक्षा का पृथक कैडर नहीं होने से स्थाई प्राचार्यों की नियुक्ति भी नहीं हो रही है।

19 साल से यही हाल

गुजरे 19 साल से प्रथम वर्ष के प्रवेश में विलंब हो रहा है। हर साल सम्बद्धता और बीसीआई की मंजूरी अक्टूबर-नवम्बर तक मिलती है। इसके बाद प्रवेश दिए जाते हैं। कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने तो राज्य के लॉ कॉलेजों को ऑनलाइन प्रथम प्रवेश प्रक्रिया से भी नहीं जोड़ा है।

कॉलेजों में नहीं यह सुविधाएं

खेलकूद स्पर्धाओं के लिए शारीरिक शिक्षक

इंडोर-आउटडोर खेल मैदान

समारोह के लिए ऑडिटोरियम

हाइटेक कंप्यूटर और भाषा लैब

यूजीसी से नियमानुसार नैक ग्रेडिंग

फाइव ईयर इंटीग्रेटेड एलएलबी कोर्स

एक वर्षीय एलएलएलम कोर्स

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