दौसा न्यूज़ डेस्क, बसवा में कृष्ण क्लब के तत्वाधान में चल रही रामलीला के नौवें दिन मंगलवार रात को लंका दहन की लीला का मंचन किया गया। रामलीला में हनुमानजी की विशेष झांकी सजाई गई। इस दौरान, राम, लक्ष्मण और सीता की खोज में भटकते हुए श्रीराम, शबरी के आश्रम पहुंचे, जहां शबरी के झूठे बेर खाकर श्रीराम ने उसकी भक्ति स्वीकार की। इसके बाद श्रीराम की भेंट हनुमान से होती है, जो उन्हें सुग्रीव से मित्रता करवाते हैं। सुग्रीव, श्रीराम से सीता जी की खोज में मदद करने का वचन देते हैं और बदले में श्रीराम भी सुग्रीव की सहायता करने का वचन देते हैं।
सुग्रीव और बाली के बीच हुए युद्ध में श्रीराम छिपकर तीर चलाते हैं और बाली का वध कर देते हैं, क्योंकि बाली को वरदान था कि जो भी सामने से युद्ध करेगा, उसका आधा बल बाली में समा जाएगा। सुग्रीव को किष्किंधा का राजा और अंगद को युवराज बनाया जाता है। इसके बाद, सुग्रीव रामकाज को भूल जाता है, जिससे क्रोधित होकर लक्ष्मण महल में आते हैं। फिर हनुमानजी, सुग्रीव के साथ मिलकर चारों दिशाओं में वानरों के दल भेजते हैं। हनुमानजी को दक्षिण दिशा में भेजा जाता है और श्रीराम उन्हें मुद्रिका देकर विदा करते हैं।
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