नई दिल्ली, 9 अक्टूबर . हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड जीत मिली है. भाजपा ने 48 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ता की हैट्रिक लगाई है. वहीं, कांग्रेस पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने से चूक गई है. हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब किसी दल को लगातार तीन विधानसभा चुनाव में जीत मिली है. हालांकि, इस जीत के बावजूद नायब सिंह सैनी सरकार में मंत्री रहे कई नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा.
हरियाणा में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद भी भाजपा के कई मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है. इसके अलावा हरियाणा विधानसभा के स्पीकर को भी हार झेलनी पड़ी है. हारने वालों में ज्ञानचंद गुप्ता, सुभाष सुधा, संजय सिंह, असीम गोयल, कमल गुप्ता, कंवर पाल, जेपी दलाल, अभय सिंह यादव और रणजीत सिंह चौटाला शामिल हैं.
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को पंचकूला विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा, जबकि अंबाला सिटी विधानसभा से असीम गोयल, थानेसर विधानसभा से सुभाष सुधा, नूंह विधानसभा से संजय सिंह, नांगल चौधरी विधानसभा से अभय सिंह यादव, जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर, लोहारू से जयप्रकाश दलाल, रानियां विधानसभा सीट से रणजीत चौटाला और हिसार से डॉ. कमल गुप्ता को हार मिली है.
सिर्फ दो ही मंत्री ऐसे हैं, जिन्हें विधानसभा चुनाव में जीत मिली है. इनमें बल्लभगढ़ विधानसभा सीट से चुनावी ताल ठोक रहे मूलचंद शर्मा ने जीत हासिल की है. इसके अलावा पानीपत ग्रामीण सीट से महिपाल ढांडा ने जीत दर्ज की है.
चुनाव आयोग के मुताबिक, हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा को 48 सीटें, कांग्रेस को 37, आईएनएलडी गठबंधन को दो व अन्य के खाते में तीन सीटें आई हैं. इससे पहले शनिवार को जारी हुए अधिकतर एग्जिट पोल में कांग्रेस की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया था. मगर चुनाव के नतीजों ने सभी को चौंका दिया.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान 47 सीटों पर जीत हासिल कर पहली बार राज्य में सरकार बनाई थी. इसके बाद 2019 में भी भाजपा ने 40 सीटों पर जीत हासिल कर राज्य में गठबंधन की सरकार चलाई.
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एफएम/
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