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इनका कसूर बस इतना था कि बिना हेलमेट गए थे! अब बिहार सरकार के कर्मचारी फंस गए 'रसीद' के फेर में

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सुपौल: बिहार में सुपौल में ट्रैफिक पुलिस की ई-चालान व्यवस्था आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। एक निम्न वर्गीय लिपिक मो. अफरोज आलम को अपनी बाइक का प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने में दिक्कत का सामना करना पड़ा क्योंकि उनकी बाइक पर एक लाख एक हजार रुपये का ई-चालान बकाया था। अफरोज ने बताया कि 4 अगस्त को जब वह बिना हेलमेट के बाइक चला रहे थे, तो डिग्री कॉलेज चौक पर ट्रैफिक पुलिस ने उनकी फोटो खींची और एक हजार रुपये का चालान बताया। बिना हेलमेट दंग करने वाली 'रसीद'एक स्थानीय अखबार के मुताबिक बाद में अफरोज तब हक्के-बक्के रह गए जब उनके मोबाइल पर एक लाख एक हजार रुपये के चालान का मैसेज आया। अफरोज ने तुरंत ट्रैफिक थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अभी तक चालान सही नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि यह चालान ट्रैफिक थाने के एसआई कृष्णबली सिंह द्वारा किया गया है। इसमें बिना हेलमेट बाइक चलाने पर एक हजार रुपये, जबकि परिवहन एक्ट की अलग-अलग धाराओं में कुल एक लाख रुपये का जुर्माना दर्शाया गया है। गाड़ी 65 हजार की और चालान 1 लाख रुपये कायह भी देखने वाली बात है कि एक ही गलती के लिए इतनी बड़ी रकम का जुर्माना लगाया जाना कहां तक उचित है? अफरोज ने बताया कि उन्होंने 2014 में अपनी बाइक लगभग 65 हजार रुपये में खरीदी थी। ऐसे में एक लाख एक हजार रुपये का चालान उनके लिए एक बड़ा झटका है। अफरोज का कहना है कि गाड़ी 65 हजार की और चालान एक लाख एक हजार रुपये का? ये कैसे हो सकता है? DTO ने बताया मानवीय भूलजिला परिवहन पदाधिकारी शशि शेखरम ने इसे मानवीय भूल बताया। उन्होंने कहा कि चालान में कंप्यूटर नहीं बल्कि कोई आदमी की एंट्री करता है। जिसने एंट्री की, उससे भूल हो गई हो सकती है। चालान में उल्लंघन की धारा भी लिखी रहती है, उसी के हिसाब से चालान में राशि लिखी जाती है। अगर परिवहन नियमों के प्रावधान से अधिक का जुर्माना लगा होगा तो उसका सुधार हो जाएगा।
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