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PM वीपी सिंह से भिड़ गए थे रतन टाटा, इस्तीफे तक पहुंच गई थी बात, गांधी परिवार के इस कद्दावर नेता ने मनाया

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नई दिल्ली: दिग्गज उद्योगपति और टाटा समूह के चेयरमैन रहे रतन टाटा का बीत रात निधन हो गया। रतन टाटा अब हमारी यादों में हैं। अपने बलबूते टाटा के साम्राज्य को आगे बढ़ाने और उसे बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उनके इस जहां से रुखसत होने के बाद लोग उनसे जुड़ी कहानियों, बातों को याद कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक मशहूर किस्सा है, जब रतन टाटा ने पूर्व पीएम विश्वनाथ प्रताप सिंह से नाराजगी मोल ली थी। बात रतन टाटा के इस्तीफे तक पहुंच गई थी। आइए जानते हैं ये चर्चित किस्सा। एक इंटरव्यू में खोले राज रतन टाटा ने एक निजी चैनल मनी लाइफ को एक इंटरव्यू दिया था। उस इंटरव्यू में उन्होंने विस्तार से पीएम वीपी सिंह वाली घटना का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि बात उन दिनों की है जब मुझे एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस का चेयरमैन बनाया गया था। उन्होंने आगे कहा कि मैं तीन साल तक इसी पद पर था,लेकिन उस वक्त सही नहीं चल रहा था, काफी दिक्कतों भरा साल था वह। इसकी वजह एयर इंडिया का बहुत अधिक राजनीतिकरण था। विचार भी अलग थे। वीपी सिंह से मोल ली थी दुश्मनीप्रधानमंत्री वीपी सिंह की उस समय सरकार थी। तब जेआरडी टाटा ने उन्हें पत्र लिखा था। पत्र में Tata Zug पर विदेशी मुद्रा उल्लंघन के आरोपों पर अपनी बात रखी थी। इंटरव्यू में रतन टाटा ने बताया कि पूर्व प्रवर्तन निदेशक, विदेशी मुद्रा भूरे लाल एक जांच को लीड कर रहे थे। आरोप थे कि क्या माता-पिता की संतान या मूल कंपनी के पोते को भी रजिस्ट्रेशन के लिए रिजर्व बैंक की स्वीकृति / अनुमति की आवश्यकता है या नहीं है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा कभी साबित ही नहीं हो पाया। जांच में उन्हें ऐसा कुछ मिला ही नहीं जिससे हम पर लगे आरोप साबित हो पाएं। इस्तीफे तक पहुंच गई थी बात तब उनकी यानी रतन टाटा की वीपी सिंह से नाराजगी हो गई थी। बात यहां तक पहुंच गई थी कि रतन टाटा अपने पद से इस्तीफा देने वाले थे। हलांकि राजीव गांधी के कारण उन्हें अपना यह फैसला वापस लेना पड़ा था। राजीव गांधी ने उन्हें समझाय तब जाकर रतन टाटा माने। रतन टाटा ने अपने इंटरव्यू में बताया कि वो मुद्दा टाटा के बजाय भारतीय होटलों के आसपास ज्यादा घूमता था। ऐसी खबर थी कि भारतीय होटलों का बहुत सारा विदेशी परिचालन था। रतन टाटा ने खुद बताया कि तब मैंने तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह से दुश्मनी मोल ली थी।
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