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लेबनान में घुसा इजरायल तो होगी खतरनाक जंग, मौत तक लड़ने के लिए तैयार हैं हिजबुल्लाह के लड़ाके, एक्सपर्ट दे रहे ये चेतावनी

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बेरूत: हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह को हवाई हमले में खत्म करने के बाद अब इजरायली सेना लेबनान में जमीन के रास्ते लेबनान में घुसने की तैयारी कर रही है। लेकिन विशेषज्ञों ने ऐसा करने से पहले इजरायल को चेताया है कि यह एक खतरनाक अभियान हो सकता है। विशेषज्ञों ने कहा कि अगर इजरायल ने जमीनी आक्रमण किया तो यह खतरनाक होगा। आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह आखिरी सांस तक लड़ने को तैयार है। उधर हिजबुल्लाह का समर्थक ईरान पूरे क्षेत्र को आग में झोंकने के लिए बैठा हुआ है।इजरायल हिजबुल्लाह पर कहर बनकर टूट रहा है। बीते सप्ताह इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह समेत समूह के शीर्ष कमांडरों को सफाया हो गया है। द सन ने खुफिया विशेषज्ञ एंथनी ग्लीस के हवाले से बताया है कि इजरायली सेना 2006 के बाद पहली बार दक्षिणी लेबनान में प्रवेश करने जा रही है। यह संघर्ष में और वृद्धि करेगा। हिल गया है हिजबुल्लाहबीते शुक्रवार को हिजबुल्लाह चीफ के मारे जाने के बाद भी इजरायल ने हिजबुल्लाह का गढ़ माने जाने वाले दक्षिणी बेरूत में बमबारी जारी रखी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल ऐसा योजना के तहत कर रहा है। जमीनी हमला शुरू करने से पहले वह हिजबुल्लाह को पूरी तरह कमजोर कर देना चाहता है। शुक्रवार को किए गए इजरायली हमले ने समूह को हिलाकर रख दिया है। लेबनान में घुसने की तैयारीइजरायल के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि लेबनान पर हमले सैन्य बलों के लेबनान में घुसने के लिए रणनीतिक रूप से किए गए हैं। एंथनी का कहना है कि हलेवी का संकेत साफ है कि इजरायल सीमा पार करने की योजना बना रहा है। साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि आईडीएफ के लिए हिजबुल्लाह के खिलाफ पूर्ण आक्रमण को अंजाम देना एक मुश्किल काम होगा। हिजबुल्लाह अभी भी खतरनाकहवाई हमलों से कमजोर होने के बावजूद हिजबुल्लाह अभी भी खतरनाक है। उसने दशकों तक इसकी तैयारी है। इजरायल के लिए दक्षिणी लेबनान में घुसना चाकू से मक्खन काटने जैसा कुछ नहीं होने वाला है। एंथनी ने कहा, 'हिजबुल्लाह के लड़ाके आखिर लड़ाके हैं। वे मौत तक लड़ेंगे और जितना संभव हो सके उतने इजरायलियों को मार देंगे।' उन्होंने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह आसान मामला होगा और निश्चित रूप से वे कभी भी आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। घायल शेर हैं हिजबुल्लाह के लड़ाकेकिंग्स कॉलेज लंदन में प्रोफेसर डॉ. अहरोन ब्रैगमैन भी इससे सहमत हैं। द सन से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'हिजबुल्लाह अभी भी वहां है। बुरी तरह से घायल है। खून बह रहा है, अच्छी स्थिति में नहीं है, लेकिन आप जानते हैं कि यह अभी भी वहां है। इसमें 50,000 लड़ाके, हजारों मिसाइलें और रॉकेट हैं।' वहीं, एंथनी ग्लीस का मानना है कि अगर इजरायल हमले को बढ़ाता है तो ईरान भी इसमें उतरने को मजबूर होगा और यह एक बड़ी जंग होगी।
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