जयपुर। एमएसएमई सेक्टर में युवाओं को अधिक रोजगार प्राप्त होने की संभावनाओं को देखते हुए इनके लिए स्टैण्डर्ड मैन्युफैक्चरिंग पैकेज की तुलना में अधिक अवधि (7 वर्ष) के लिए ब्याज छूट का लाभ दिया जाएगा।मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में ये फैसला लिया गया है। उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि खादी, ग्रामीण पर्यटन और कृषि-प्रसंस्करण एमएसएमई के लिए अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा। एमएसएमई के लिए स्टैण्डर्ड विनिर्माण पैकेज और स्टैण्डर्ड सेवा पैकेज की तुलना में अधिक अवधि 10 वर्ष के लिए निवेश सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने इस दौरान बताया कि स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए महिलाओं द्वारा संचालित स्टार्टअप्स को 2 साल के लिए शत प्रतिशत एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी। विशिष्ट निवेशों के लिए राजस्थान की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए 3 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेशों पर 5 गुना इन्सेंटिव्स प्रदान किए जाएंगे। इससे अन्य राज्यों की तुलना में प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार हो सकेगा।
किसानों को दिन में बिजली मुहैया कराने के लिए सरकार उठा रही है ठोस
वहीं इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि राज्य सरकार राजस्थान को एनर्जी सरप्लस स्टेट बनाने और 2027 तक किसानों को दिन में बिजली मुहैया कराने के लिए ठोस कदम उठा रही है। इसी दिशा में विद्युत उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से 5 हजार 708 मेगावाट की सौर ऊर्जा और विण्ड-सोलर हाइब्रिड परियोजनाओं के लिए 10 हजार 418 हैक्टेयर भूमि आवंटन की स्वीकृतियां कैबिनेट में प्रदान की गईं।
PC:dipr.rajasthan
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