Mohamed Muizzu on China: मालदीव के राष्ट्रपति भारत यात्रा पर हैं। वह रविवार को दिल्ली पहुंचे, इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उनसे मुलाकात की। मालदीव के राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू की यह पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा है। इससे पहले यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे थे। हालांकि, यह पहली बार है जब मुइज्जू दोनों देशों के बीच आपसी हितों पर चर्चा करने के लिए भारत आए हैं।
भारत यात्रा के दौरान मोहम्मद मुइज्जू ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान चीन का जिक्र करते हुए कहा कि मालदीव कभी भी भारत की सुरक्षा पर आंच नहीं आने देगा। उन्होंने कहा, भारत मालदीव का अहम साझेदार है और हमारा रिश्ता साझा सम्मान और साझा हितों पर टिका हुआ है। बता दें, मुइज्जू आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले हैं।
भारत की सुरक्षा प्राथमिकताओं पर नहीं पड़ेगा असर
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में जब मोहम्मद मुइज्जू से पूछा गया कि आप चीन के साथ काम कर रहे हैं, तो क्या भारत इस भरोसे में रह सकता है कि मालदीव ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे भारत के रक्षा हितों पर असर पड़े। सवाल के जवाब में मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा, चीन के साथ मालदीव के संबंधों से भारत की सुरक्षा प्राथमिकताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मालदीव कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे भारत की सुरक्षा को नुकसान पहुंचे। भारत मालदीव का एक मूल्यवान साझेदार और मित्र है तथा हमारे संबंध आपसी सम्मान और साझा हितों पर आधारित हैं। हम विभिन्न क्षेत्रों में अन्य देशों के साथ अपने सहयोग को बढ़ाते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हमारे कार्यों से हमारे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता से समझौता न हो।
तनावपूर्ण हैं भारत-मालदीव के रिश्ते
बता दें, चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मुइज्जू के पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था। जब तनाव तब और बढ़ गया जब मालदीव के मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी की थीं। इसके बाद मुइज्जू ने मालदीव में भारतीय सेना को वापस जाने का आदेश दे दिया था।