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नैनीताल की ऐतिहासिक मल्लीताल रामलीला में बालिकाएं निभाएंगी मुख्य भूमिकाएं

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नैनीताल, 3 अक्टूबर . नैनीताल की ऐतिहासिक मल्लीताल की रामलीला इस बार कुछ खास होने जा रही है. यूं यहां मल्लीताल में श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में आयोजित होने वाली ऐतिहासिक व प्रमुख रामलीला में पिछले लगभग 20 वर्षों में महिला पात्र महिलाओं-बालिकाओं के द्वारा ही और कई वर्षों से राम जैसे मुख्य पात्र भी बालिकाओं के द्वारा निभाये जा रहे हैं, लेकिन आज से शुरू होने जा रही रामलीला में पहली बार राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और सीता के साथ ही केकई, मंथरा व सुलोचना जैसे प्रमुख पात्र बालिकाओं द्वारा निभाए जाएंगे. खास बात यह भी है कि इन में चार सगी बहनें भी शामिल हैं.

चार सगी कोहली बहनें रामलीला की प्रमुख भूमिकाओं में दिखेंगी, जिनमें राम की भूमिका अनुष्का कोहली निभा रही हैं, जो पिछले कई वर्षों से सीता की भूमिका निभा रही थीं. वहीं लक्ष्मण की भूमिका उनकी बहन दिव्या कोहली निभा रही हैं, जो पहले सूर्पणखा का पात्र निभाती थीं. इस बार सूर्पणखा के साथ मंथरा और सुलोचना की भूमिका में उन्हीं की एक अन्य बहन श्रुति कोहली और कैकई व शबरी की भूमिकाओं में उनकी चौथी बहन आराधना कोहली नजर आएंगी. कोहली बहनों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ नहीं है और वे जीवन यापन के लिये वर्ष भर अलग-अलग जगह काम करती हैं और पिछले एक दशक से रामलीला से भी जुड़ी हैं.

इनके अलावा हर्षिता गोसांई सीता का भूमिका में तथा भरत की भूमिका में अनुसुइया वर्मा और शत्रुघ्न की भूमिका में यशस्वी अरोड़ा पहली बार नजर आएंगी. अनुसुइया पहले तल्लीताल की रामलीला में अन्य भूमिकाएं निभाती थीं, जबकि यशस्वी अरोड़ा पहले मल्लीताल में ही सखी जैसे छोटे पात्र निभाती थीं.

मल्लीताल की रामलीला के मुख्य संयोजक एवं सुप्रसिद्ध दिवंगत सिने अभिनेता स्वर्गीय निर्मल पांडे के भाई मिथिलेश पांडे कहते हैं कि युवा लड़कों की रामलीला के प्रति रुचि कम हो रही है और वे एक तरह से दिशाहीन हो रहे हैं, जो समाज के लिए चिंता का विषय है.

दूसरी ओर लड़कियों में रामलीला में अभिनय करने का चाव लगातार बढ़ रहा है. वे अभिनय के अलावा अन्य कार्यों में भी पूरे मनोयोग, तालीम लेकर बिना एक भी दिन अनुपस्थित रहे पूरे समर्पण के साथ योगदान देती हैं. उनकी आवाज भी मधुर होती है और वे रामलीला के विभिन्न चरित्रों में अपनी शालीनता के कारण गरिमामय भी नजर आती हैं. उन्हें आयोजक संस्था से अच्छा पारिश्रमिक एवं छात्रवृत्ति भी मिलती है.

/ डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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