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गोगुंदाः आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग के जवानों पर किया हमला

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गोगुंदा क्षेत्र के राठौड़ों का गुड़ा गांव में उस समय तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई जब एक आदमखोर पैंथर ने मवेशियों को चरा रहे मां-बेटे पर हमला करने की कोशिश की. घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग के जवानों पर हमला कर दिया. आइए इस घटना के बारे में विस्तार से जानें.

घटना का विवरण

राठौड़ों का गुड़ा गांव में मां और बेटा अपने मवेशियों को चरा रहे थे, जब अचानक एक आदमखोर पैंथर ने उन पर हमला करने की कोशिश की. हालांकि, मां-बेटे की चीख-पुकार सुनकर गांव के अन्य लोग मौके पर पहुंच गए, जिससे पैंथर भागने पर मजबूर हो गया. ग्रामीणों ने तत्परता से वन विभाग को इस घटना की सूचना दी, लेकिन लंबे समय तक कोई भी वन विभाग का अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा.

वन विभाग की देरी पर ग्रामीणों का आक्रोश

इस घटना के बाद, ग्रामीणों में गुस्सा बढ़ने लगा क्योंकि उन्होंने वन विभाग से समय पर कार्रवाई की उम्मीद की थी. पैंथर के हमले से ग्रामीणों में डर और असुरक्षा का माहौल था, और जब वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची, तो उनका आक्रोश भड़क उठा. इसी गुस्से में आकर आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग के जवानों पर हमला कर दिया.

जवानों ने खुद को किया स्कूल में बंद

ग्रामीणों का आक्रोश इस हद तक बढ़ गया कि वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी खुद को बचाने के लिए गांव के सरकारी स्कूल के कमरों में छिपने पर मजबूर हो गए. कई अधिकारी और जवान भागकर पास के जंगलों में छिप गए ताकि खुद को बचा सकें. स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि किसी भी तरह से शांत करना मुश्किल हो रहा था.

पुलिस और प्रशासन का हस्तक्षेप

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू में किया. उप जिला प्रमुख पुष्कर तेली और उप प्रधान लक्ष्मण सिंह झाला ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से बात की और उन्हें समझाने की कोशिश की. अधिकारियों ने ग्रामीणों से धैर्य बनाए रखने की अपील की और उन्हें विश्वास दिलाया कि वन विभाग की ओर से उचित कार्रवाई की जाएगी.

ग्रामीणों की मांगें

ग्रामीणों की प्रमुख मांगें थीं कि आदमखोर पैंथर को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और गांव में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. ग्रामीणों का कहना था कि पैंथर का बार-बार हमला करना अब उनके लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है, और इस समस्या का स्थायी समाधान जरूरी है.

आगे की कार्यवाही

पुलिस ने फिलहाल स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है, और वन विभाग की टीम भी गांव में सक्रिय हो गई है. पैंथर की तलाश शुरू कर दी गई है, और ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया है कि भविष्य में उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. ग्रामीणों से भी अपील की गई है कि वे किसी भी अनहोनी की स्थिति में शांत रहें और अधिकारियों को सूचित करें.

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