विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राव ने कहा कि उद्देश्यपूर्ण पत्रकारिता के बिना कोई भी पत्रकार समाज और जनता की आवाज़ नहीं बन सकता। आज पत्रकारिता के पेशेवर मानकों में गिरावट आने के कारण पत्रकारों की प्रतिष्ठा भी घट रही है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र और संस्कृति के बड़े लक्ष्यों को ध्यान में रखकर पत्रकारिता करनी होगी तभी पत्रकारिता की पेशेवर गिरावट को रोका जा सकता है।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलसचिव भंवर लाल मेहरड़ा ने कहा कि जीवन में गंभीरता और अनुशासन के माध्यम से कठिन से कठिन लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है। बिना अनुशासन के कोई भी सफलता संदिग्ध हो जाती है। उन्होंने नव प्रवेशित विद्यार्थियों से कहा कि मोबाइल का उपयोग सीमित कर किताबें और पत्र-पत्रिकाएं ज्यादा से ज्यादा बढ़नी चाहिए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति (एनईपी) प्रभारी डॉ. मनोज कुमार लोढा ने विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के बारे में कई महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान कीं। कार्यक्रम का संचालन अकादमिक एवं प्रशासनिक समन्वयक डॉ. रतन सिंह शेखावत ने किया। इस अवसर पर पत्रकारिता संकाय की डीन डॉ. ऋचा यादव, जनसंचार संकाय के डीन डॉ. अनिल मिश्र और न्यू मीडिया विभाग की अध्यक्ष डॉ. शालिनी जोशी भी उपस्थित रहे।
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